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कसारी-मसारी कब्रिस्तान में ननिहाल पक्ष और कुछ करीबी लोगों की मौजूदगी में रीति-रिवाजों के बाद असद का जनाजा निकाला गया। उसके दादा-दादी की कब्र के पास सुपुर्द ए खाक करने की प्रकिया शुरू हुई।
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