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फिनटेक प्लेटफॉर्म BharatPe के पूर्व एमडी अशनीर ग्रोवर ने ब्लिंकिट और जेप्टो जैसी कंपनियों के 10 मिनट डिलिवरी फॉर्मेट पर सवाल खड़े किए हैं। अशनीर ग्रोवर ने कहा है कि 10 मिनट में डिलिवरी करने का मॉडल किसी तरह की इकोनॉमिक्स नहीं है। अशनीर का यह बयान ऐसे समय में आया है जब फूड एग्रीगेटर जोमैटो (Zomato) के मालिकाना हक वाली ब्लिंकिट और डिलिवरी पार्टनर्स के बीच पे-स्ट्रक्चर को लेकर विवाद चल रहा है।
क्या कहा अशनीर ग्रोवर ने
BharatPe के को-फाउंडर रहे अशनीर ग्रोवर ने कहा- ₹50 की डिलिवरी के एवज में ₹15 दिए जाने की समस्या नहीं है। समस्या यह है कि 10 मिनट की डिलिवरी का फॉर्मेट कोई इकोनॉमिक्स नहीं है। लो टिकट साइज और कम मार्जिन को जबरन कम डिलिवरी लागत के जरिए सॉल्व नहीं किया जा सकता है।
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क्या है विवाद
ब्लिंकिट के डिलिवरी पार्टनर्स का आरोप है कि कंपनी ने पे-स्ट्रक्चर में बदलाव किया है। इस बदलाव की वजह से डिलिवरी पार्टनर्स की कमाई आधी हो जाएगी। डिलिवरी पार्टनर्स के मुताबिक पहले हमें प्रति ऑर्डर डिलिवरी पर 50 रुपये तक मिलते थे। इसे पिछले साल घटाकर 25 रुपये कर दिया गया। अब एक बार फिर बदलाव किया गया है। डिलिवरी पार्टनर्स का कहना है कि नए बदलाव से हमें प्रति ऑर्डर डिलिवरी पर सिर्फ 12-15 रुपये मिलेंगे।
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डिलिवरी पार्टनर्स इस बदलाव का विरोध कर रहे हैं और इस वजह से बीते कुछ दिनों से हड़ताल पर हैं। ऐसे में दिल्ली-एनसीआर में ब्लिंकिट के स्टोर्स ठप पड़े हैं। आपको बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में ब्लिंकिट काफी लोकप्रिय है और कंपनी का दावा है कि कस्टमर को सिर्फ 10 मिनट में राशन, डेयरी, फल और सब्जियां डिलिवर कर देती है।
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