Friday, January 17, 2025
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atiq ahmed killer arun maurya only 18 year old villagers strage on him – India Hindi News

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अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की मीडिया के कैमरों के सामने हत्या होने से यूपी ही नहीं बल्कि पूरे देश में सनसनी फैल गई। इस कांड को तीन लड़कों ने अंजाम दिया, जो उत्तर प्रदेश के ही अलग-अलग जिलों के रहने वाले हैं और किसी की भी उम्र 25 साल से ज्यादा की नहीं है। यही नहीं कासगंज का रहने वाला अरुण मौर्य तो महज 18 साल का ही है। उसने इतने बड़े कांड को अंजाम दिया है, यह बात उसके पड़ोसी भी हजम नहीं कर पा रहे हैं। गांव के लोगों का कहना है कि अरुण मौर्य अकसर चुप ही रहता था और लोगों से ज्यादा बात नहीं करता था। उसके बारे में यकीन ही नहीं हो रहा कि वह इतना बड़ा अपराध कर सकता है।

श्रीप्रकाश शुक्ला का फैन है अतीक का कातिल सनी, दोनों हाथों से करता है फायरिंग

उसके गांव के प्रधान ने बताया कि अरुण के पिता दीपक मौर्य गोल गप्पे बेचते हैं। 10 साल पहले ही गांव वापस लौटे हैं और पूरा परिवार एक कमरे के ही घर में रहता है। पहले पानीपत में रहा करते थे, लेकिन अरुण मौर्य़ के पिता यहां लौट आए। अरुण के दादा अब भी पानीपत में ही रहते हैं, जहां अरुण भी रहता था। वह अपने माता-पिता के पास कम ही रहता था। गांव के लोग कहते हैं कि अरुण मौर्य के पिता बेहद सरल स्वभाव के हैं। यहां तक कि गांव में किसी से उनकी कभी बहस तक नहीं हुई। 

दादा के पास ही रहता था अरुण, गांव में कोई दोस्त नहीं

ग्रामीणों ने बताया कि अरुण मौर्य तीन साल पहले गांव से चला गया था और अपने दादा के पास ही रहता था। कभी-कभार ही गांव आता था। लोगों ने बताया कि 6 महीने पहले वह गांव आया था और तीन दिन रुकने के बाद चला गया था। उसके परिजनों को टीवी के माध्यम से ही पता चला कि लड़के ने इतने बड़े कांड को अंजाम दिया है। अरुण मौर्य का एक छोटी बहन है, जो 14 साल की है और सबसे छोटा भाई 12 साल का ही है। अरुण के बारे में कासगंज में कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड भी नहीं मिला है। 

6 महीने पहले आया तो अरुण के हाथ में फ्रैक्चर था

बेटे की हरकत के बारे में पता चलने के बाद अरुण के माता-पिता अपने दोनों छोटे बच्चों के साथ कहीं चले गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि खबर मिलने के तुरंत बाद ही वे घर में ताला लगाकर कहीं चले गए। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे अरुण के परिजनों से संपर्क की कोशिश कर रहे हैं। फिलहाल गांव में फोर्स तैनात है। गांव वालों ने बताया कि अरुण का कोई दोस्त नहीं है और वह मां-बाप के पास भी कम ही रुकता था। गांव के एक शख्स ने कहा कि 6 महीने पहले जब वह आया था तो उसके हाथ में फ्रैक्चर था।

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भरत दयलानी
मुख्य सपांदक
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