Tuesday, January 14, 2025
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atiq ahmed white and yellow slips terror for prayagraj businessmen – India Hindi News

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माफिया अतीक अहमद का कभी इतना खौफ था कि लोग उसकी धमकियों के चलते अपनी जमीनें छोड़ देते थे और उसे चुनाव लड़ने के लिए फंड भी देते थे। अब तक उसके खिलाफ कोई बोलने से भी बचता था, लेकिन अब जब उसे सरेआम मार डाला गया है तो खौफ भी खत्म हो गया है। उससे पीड़ित लोग अब जुल्म की दास्तां सुना रहे हैं। ऐसे ही कई पीड़ितों का कहना है कि अतीक अहमद हत्या, जमीन कब्जाने जैसी आपराधिक गतिविधियों के अलावा इलेक्शन फंड के नाम पर भी लोगों से मोटी रकम वसूलता था। 

अतीक के कातिल अरुण की अचानक बदली लाइफस्टाइल, बिश्नोई से क्या कनेक्शन

प्रयागराज के कारोबारियों ने बताया कि अतीक अहमद शहर के प्रमुख व्यवसायियों को पीली और सफेद पर्चियां जारी करता था और उनसे जबरन वसूली कर लेता था। अतीक अहमद ने जब 2004 का लोकसभा चुनाव लड़ा था तो उसने इलेक्शन फंड के नाम पर ही लोगों से करोड़ों रुपये की वसूली कर डाली। 15 अप्रैल को अतीक अहमद जब पुलिस सुरक्षा में मार डाला गया, तब से ही ऐसी पर्चियां सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। अतीक अहमद के जुल्म से पीड़ित लोग अब पूरी कहानी को बयां कर रहे हैं। 

अलग ‘शहर’ बसाना चाहता था अतीक, मुसलमानों को बसाने का था प्लान

अतीक अहमद अपने चुनाव प्रचार के लिए महीनों पहले से तैयारियां शुरू कर देता था। इसमें फंड की कोई कमी न हो, इसलिए वह प्रयागराज के कारोबारियों से पैसे वसूलता था। आतंक यहां तक था कि शहर के नामी बिल्डर और अन्य कारोबारी लखनऊ या अन्य कहीं शिफ्ट होने लगे थे। अतीक अहमद इन वसूली के पैसों से ही बड़े पैमाने पर एसयूवी खरीदता था और अकसर शहर को होर्डिंग्स से पाट देता था। शहर के नामी बिल्डरों, डॉक्टरों, कारोबारियों, प्रॉपर्टी डीलरों और अन्य प्रभावशाली लोगों को वह स्लिप भेजा करता था। 

सफेद पर्ची जारी होने पर देने पड़ती थी 50 लाख तक रकम 

यही नहीं वसूली के लिए ये पर्चियां भी दो तरह की होती थीं। जिन लोगों को सफेद पर्ची जारी की जाती थी, उन्हें 5 लाख से 50 लाख रुपये तक अतीक अहमद को देने पड़े थे। यह वसूली उन लोगों से होती थी, जो अस्पताल चलाते थे या फैक्ट्रियों के मालिक हों अथवा शोरूम चलाते हों। इसके अलावा कुछ लोगों को पीली पर्ची देता था और इसका मतलब होता था कि जल्दी ही 3 से 5 लाख रुपये की रकम दी जाए। इसके लिए बैंक अकाउंट बताया जाता था, जहां पैसे जमा करने होते थे। किसी की भी हिम्मत नहीं होती थी कि वह अतीक के वसूली के फरमान को खारिज कर दे।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा महाराष्ट्र का अकाउंट नंबर 

एक पुलिस अधिकारी ने भी इन आरोपों की पुष्टि करते हुए बताया कि बैंक खाते में पैसे जमा करने के बाद कारोबारियों को प्रूफ साझा करना पड़ता था। सोशल मीडिया पर महाराष्ट्र के एक बैंक खाते का नंबर वायरल हो रहा है। कहा जा रहा है कि इस खाते में कई बार अतीक अहमद ने रकम जमा कराई थी। इस बैंक खाते को ईडी ने 2022 में फ्रीज कर दिया था। इसके अलावा 11 और ऐसे अकाउंट पाए गए थे, जिसमें 1 करोड़ से ज्यादा की रकम जमा थी।

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भरत दयलानी
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