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कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह पर पंजाब पुलिस की कार्रवाई के बीच कनाडा का बयान सामने आया है। कनाडाई विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा है कि कनाडा पंजाब के घटनाक्रम पर ‘काफी करीबी’ नजर रख रहा है। जोली ने कहा, “हम पंजाब के घटनाक्रम से वाकिफ हैं और हम इस पर करीबी नजर रख रहे हैं। हम समुदाय के सदस्यों की चिंताओं को दूर करना जारी रखेंगे।” जोली गुरुवार को हाउस ऑफ कॉमन्स में इंडो-कनाडाई सांसद इकविंदर एस गहीर के एक सवाल का जवाब दे रही थीं। इंडो-कनाडाई सांसद गहीर ने कहा कि उन्होंने पंजाब में बड़े पैमाने पर इंटरनेट सेवाओं को बंद किए जाने के बारे में सुना है।
इसके जवाब में कनाडाई विदेश मंत्री ने कहा, “हम पंजाब में जो हो रहा है उस स्थिति से अवगत हैं। हम इसे बहुत बारीकी से देख रहे हैं। हम स्थिति को अधिक स्थिर होने की आशा करते हैं।” कनाडाई मंत्री ने कहा, “कनाडाई हमेशा यह सुनिश्चित करने के लिए कनाडा सरकार पर भरोसा कर सकते हैं कि हम समुदाय के सदस्यों की चिंताओं को दूर करना जारी रखेंगे।” बता दें कि कनाडा में पंजाबियों की संख्या लगभग 9 लाख 50 हजार, यानी देश की आबादी का लगभग 2.6 प्रतिशत है।
कनाडा में कई बार खालिस्तानी गतिविधियां देखने को मिली हैं। हाल ही में खालिस्तान समर्थकों के हिंसक प्रदर्शन के बाद ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में आयोजित होने वाले एक कार्यक्रम को सुरक्षा चिंताओं के कारण रद्द करना पड़ा, जिसमें कनाडा में भारतीय उच्चायुक्त हिस्सा लेने वाले थे। यह कार्यक्रम भारत के उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा की पश्चिमी तट की उनकी पहली यात्रा पर स्वागत के लिए ताज पार्क कन्वेंशन सेंटर सरे में रविवार को आयोजित था।
इस मुद्दे पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘मैं समझता हूं कि हमारी केवल आश्वासनों में रुचि नहीं है, हम कार्रवाई देखना चाहते हैं।’’ बागची ने कहा कि भारत ने इस मुद्दे को कनाडा के अधिकारियों के समक्ष भी उठाया है, जहां भारतीय उच्चायुक्त को एक कार्यक्रम में शामिल होने का कार्यक्रम रद्द करने को मजबूर होना पड़ा।
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