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Char Dham Yatra 2023: चार धाम यात्रा-2023 शुरू होने से पहले एक बार फिर टेंशन बढ़ गई है। चमोली जिले में जोशीमठ भू-धंसाव की घटना के बाद अब उत्तराखंड के इस जिले में भी भू-धंसाव का मामला सामने आया है। भू-धंसाव की घटना आने के बाद लोगों में दहशत का माहौल है।
जिला प्रशासन भी अलर्ट मोड पर आ गया है। उत्तरकाशी जिले के चिन्यालीसौड़ में भू-धंसाव में आई तेजी ने शहरवासियों की नींदें उड़ा कर रख दीं हैं। मालूम हो कि उत्तरकाशी जिले में ही गंगोत्री-यमुनोत्री धाम स्थित हैं, जबकि जोशीमठ, चमोली जिले में बदरीनाथ धाम है। चार धाम यात्रा सीजन में यूपी, एमपी, राजस्थान, गुजरात सहित देश के विभिन्न राज्यों से तीर्थ यात्री धामों में दर्शन करने को उत्तराखंड पहुंचते हैं।
दरारों के बाद बुजुर्गों, महिलाओं-पुरुषों से लेकर युवा तक भू-धंसाव में तेजी के बाद दहशत में हैं। लोगों का कहना है कि हाईड्रो पावर प्रोजेक्ट के लिए टिहरी बांध की झील के कारण यहां नेशनल हाईवे, स्कूल, आवासीय भवन और सरकारी कार्यालयों में बड़ी-बड़ी दरारें उभर आई हैं। कई स्थानों में आधा फीट तक जमीन धंस गई है।
आपको बता दें कि बांध की झील के कारण चिन्यालीसौड़ में भू-धंसाव की घटनाएं पहले भी हो चुकीं हैं। लेकिन, अब भू-धंसाव का दायरा भी बढ़ रहा है। जमीन पर दरारें भी चौड़ी हो रही हैं। हवाई पट्टी से ठीक नीचे गंगोत्री हाइवे पर स्थित पीपलमंडी, चिन्यालीसौड़, नागणीसौड़, बड़ेथी तक का लगभग 5 किमी क्षेत्र में जमीन लगातार धंस रही है।
भूधंसाव के कारण हवाई पट्टी, ऊर्जा निगम, वन विभाग, अस्पताल, प्राइवेट और सरकारी स्कूल भवन, बिजल्वाण मोहल्ला, चिन्यालीसौड़ बाजार, कृषि विज्ञान केंद्र, स्टेट बैंक, ऊर्जा निगम कार्यालय, आवासीय भवन खतरे की जद में आ गए हैं। उधर, टीएचडीसी के उप प्रबंधक अतुल बहुगुणा ने बताया कि, चिन्यालीसौड़ बाजार में भू-धंसाव को रोकने के लिए गेलविन वाल लगाई गई थी।
वाल के ऊपर सड़क पर जो दरारें दिख रही हैं, वो नेचुरल है। बारिश और झील के पानी से गैलविन वाल अपनी जगह लेती है। अब यहां दरारें नहीं आएंगी। हाईवे के दरारों पर उन्होंने कहा कि, टीएचडीसी के डिजाइन डिपार्टमेंट की टीम ने सर्वे कर लिया है। डिजाइन मिलते ही मरम्मत का काम शुरू किया जाएगा।
केदारनाथ-बदरीनाथ सहित चारों धामों के कपाट कब खुल रहे
केदारनाथ-बदरीनाथ सहित चारों धामों में दर्शन से पहले रजिस्ट्रेशन कराने वाले की संख्या में दिन-प्रतिदिन इजाफा हो रहा है। बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल, केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल को खुलेंगे। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के दिन 22 अप्रैल को खुलेंगे। 22 मार्च को पहले नवरात्र के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने का भी समय तय हो जाएगा। गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि इस बार अक्षय तृतीया 22 अप्रैल को ही पड़ रही है। दो दिन के भ्रम वाली स्थिति इस बार नहीं होगी।
चारों धामें के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू, पंजीकरण के बिना नहीं होंगे दर्शन
उत्तराखंड में अगर आप चार धाम यात्रा पर जा रहे हैं तो यह नियम जरूर जान लें। केदारनाथ-बदरीनाथ के बाद यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के लिए भी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया सरकार की ओर से शुरू कर दी गई है। उत्तराखंड सरकार ने सख्ती दिखाते हुए तीर्थ यात्रियों से अपील की है कि यात्रा पर जाने से पहले अनिवार्यतौर से अपना पंजीकरण करा लें।
अन्यथा रजिस्ट्रेशन के बिना किसी भी श्रद्धालु को दर्शन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उत्तर प्रदेश-यूपी, मध्य प्रदेश-एमपी, राजस्थान, गुजरात सहित देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है।
चारों धामों व्हाट्सअप सहित चार विकल्पों से कराएं पंजीकरण
यात्रियों को आधार कार्ड के साथ यात्रा करनी होगी। पंजीकरण में भी आधार कार्ड नंबर दर्ज करना होगा। यात्री वेबसाइट registrationandtouristcare.uk.gov.in पर पंजीकरण करा सकेंगे। व्हाट्सअप नंबर 8394833833 पर पंजीकरण का विकल्प रहेगा। टोल फ्री नंबर 01351364 के साथ मोबाइल एप touristcareuttarakhand को डाउनलोड कर भी पंजीकरण किया जा सकेगा।
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