Wednesday, April 30, 2025
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chatgpt full banned in italy over privacy concerns check details – Tech news hindi

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ChatGPT ने न केवल इंटरनेट पर बल्कि दुनियाभर में भी तूफान ला दिया है। OpenAI द्वारा बनाया गया यह एआई चैटबॉट दुनियाभर में पहले ही 100 मिलियन एक्टिव यूजर्स को आंकड़ा पार कर चुका है, जो किसी भी अन्य टेक कंपनी की तुलना में तेज है। चैटबॉट इंटरनेट पर उपलब्ध डेटा का उपयोग यूजर्स द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब हूबहू इंसनों की तरह देता है और इसी खूबी के कारण अब लोगों और कई संस्थानों द्वारा चैटजीपीटी का उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है। हालांकि, एआई चैटबॉट के साइड इफेक्ट्स भी सामने आने लगे हैं और इसे कारण एक देश में चैटजीपीटी को पूरी तरह से बैन कर दिया गया है।

दरअसल इटली में चैटजीपीटी पर बैन लगा दिया है। इटली सरकार के डेटा-प्रोटेक्शन अथॉरिटी ने अपने देश में एडवांस्ड एआई चैटबॉट को ब्लॉक करने का आदेश दिया है। लेकिन किस कारण से चैटजीपीटी पर प्रतिबंध लगाया है, चलिए डिटेल में जानते हैं।

चैटजीपीटी पर प्रतिबंध लगाने वाला इटली पहला यूरोपीय देश बना

इटली सरकार ने आगे बढ़कर चैटजीपीटी पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। एआई चैटबॉट पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने वाला इटली दुनिया का पहला पश्चिमी देश है। देश के डेटा प्रोटेक्शन अधिकारियों ने प्रतिबंध जारी किया और प्राइवेसी से संबंधी चिंताओं की जांच शुरू की। इटली से पहले ओपनएआई बॉट को चीन, ईरान, उत्तर कोरिया और रूस में प्रतिबंधित किया जा चुका है।

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अधिकारियों के अनुसार, चैटजीपीटी के पास इसका उपयोग करने वाले लोगों के बारे में व्यक्तिगत जानकारी इकट्ठा करने का उचित कानूनी आधार नहीं है। डेटा इकट्ठा करने वाले सिस्टम का उपयोग एल्गोरिथम को ट्रेन्ड करने में मदद करने के लिए किया जाता है ताकि यूजर के सवालों का आगे जवाब दिया जा सके। इटैलियन वॉचडॉग की जांच इस बात पर गौर करेगी कि क्या ओपनएआई के चैटबॉट ने जनरल डेटा प्रोटेक्शन रेगुलेशन (GDPR) का अनुपालन किया है, जो उस तरीके को कंट्रोल करता है जिससे कंपनियां यूजर के पर्सनल डेटा का उपयोग, प्रोसेस और स्टोर कर सकती हैं।

अधिकारियों ने कहा कि चैटजीपीटी ने एक डेटा उल्लंघन का अनुभव किया, जिसने यूजर की बातचीत और पेमेंट की डिटेल को लीक कर दिया। वॉचडॉग ने कहा कि “प्लेटफॉर्म के संचालन के लिए एल्गोरिदम को ट्रेन्ड करने के उद्देश्य से पर्सनल डेटा का बड़े पैमाने पर कलेक्शन और स्टोरेज को सही ठहराने का कोई कानूनी आधार नहीं है।

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बीबीसी की एक रिपोर्ट ने आगे अधिकारियों के हवाले से कहा कि ऐप के पास यूजर की उम्र को वेरिफाई करने का कोई तरीका नहीं था और ऐसी संभावना हो सकती है कि ऐप “नाबालिगों को उनके विकास और जागरूकता की तुलना में बिल्कुल अनुपयुक्त उत्तरों को उजागर करता है”।

सरकारी अधिकारियों ने कथित तौर पर ओपनएआई को जानकारी प्रदान करने और आरोपी की चिंताओं को दूर करने के लिए 20 दिन का समय दिया है। यह €20 मिलियन के जुर्माने या वार्षिक राजस्व के 4 प्रतिशत तक के जुर्माने के लिए भी उत्तरदायी होगा।

फिलहाल, देश में चैटजीपीटी के संचालन पर अपने रुख पर भारत सरकार की ओर से कोई शब्द नहीं आया है। भारत सरकार पहले से ही पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल के एक नए ड्राफ्ट पर काम कर रही है, जिसका ओरिजनल ड्राफ्ट पिछले साल रद्द कर दिया गया था। कहा जा रहा है कि नया डेटा प्रोटेक्शन बिल इस साल के अंत में पेश किया जाएगा और इसे यूरोपीय संघ के GDPR पर आधारित किया जाएगा।

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भरत दयलानी
मुख्य सपांदक
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