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Kuno National Park : मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता की मौत हो गई है। श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता के मौत की खबर है। बताया जा रहा है कि मादा चीता साशा की मौत हो गई है। जानकारी के मुताबिक, साशा को किडनी से संबंधित कोई बीमारी थी। जिसके बाद आज उसकी मौत हो गई है। भारत में चीतों की जनसंख्या बढ़ाने के लिए ‘प्रोजेक्ट चीता’ की शुरुआत की गई थी। लेकिन अब इस प्रोजेक्ट को बड़ा झटका लगा है।
मादा चीता साशा लंबे समय से बीमारी से ग्रसित थी जिसके बाद अब उसकी मौत हो गई है। इससे पहले जब साशा की गंभीर बीमारी का पता चला था तब मध्य प्रदेश वन विभाग की टीम ने एक इमरजेंसी मेडिकल रेस्पॉन्स की टीम को श्योपुर स्थित कूनो में भेजा था। साशा की तबीयत जनवरी के महीने में खराब हुई थी। शुरुआती मेडिकल जांच में चीता को डायरिया होने की बात सामने आई थी। न्यूज एजेंसी एएनआई ने बताया है कि भारत में आने से पहले से ही साशा किडनी की बीमारी से जूझ रही थी।
वन विभाग की तरफ से जो प्रेस नोट जारी किया गया है उसमें बताया गया है कि 22 जनवरी को मॉनिटरिंग दल ने मादा चीता साशा को सुस्त पाया था। जब 3 पशु चिकित्सकों ने साशा के स्वास्थ्य की जांच की थी तब यह पाया गया कि उसे उपचार की जरूरत है। जिसके बाद उसे उसी दिन क्वारन्टाइन बाड़े में लाया गया था। इस दौरान साशा का ब्लड सैंपल भी लिया गया था। खून के नमूने की जांच से पता चला कि मादा चीते के गुर्दे में संक्रमण है।
जिसके बाद तुरंत वन विहार राष्ट्रीय उद्यान भोपाल से वन्यप्राणी चिकित्सक एवं अन्य विशेषज्ञ चिकित्सक अल्ट्रासाउंड मशीन के साथ कूनो पहुंचे थे। नामीबिया से जब साशा की ट्रीटमेंट हिस्ट्री को खंगाला गया तब पता चला कि 15 अगस्त 2022 को नामीबिया में किये गये अंतिम खून के नमूने की जांच में क्रियेटिनिन का स्तर 400 से ज्यादा था। जिससे यह भी पुष्टि होती है कि साशा को गुर्दे की बीमारी भारत आने से पहले से थी।
मादा चीता साशा पिछले 2 महीने से बीमार चल रही थी। डॉक्टरों की टीम ने उसकी किडनी में इन्फेक्शन होना बताया था। उसके बाद उसकी देखरेख और इलाज के लिए डॉक्टरों की टीम 24 घंटे उसकी निगरानी कर रही थी। वही नामीबिया के डॉक्टरों और एक्सपर्ट की टीम भी लगातार मॉनिटरिंग करने में जुटी थी। कुछ समय पहले माता चीता का स्वास्थ्य काफी ठीक हो गया था और वह शिकार करने लगी थी लेकिन अचानक फिर उसकी तबीयत खराब हो गई।
PM ने चीतों को पार्क में छोड़ा था..
बता दें कि 17 सितंबर को मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क में नाबिमिया से एयरलिफ्ट कर 8 चीते लाए गए थे। इन सभी चीतों को उनके नए घर में छोड़ने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद यहां आये थे। पीएम नरेंद्र मोदी ने नामीबिया के चीतो को कूनो में रिलीज किया था। उसके बाद इन्हें क्वॉरेंटाइन में रखा गया था।
अब कूनो में कितने चीते रह गए..
क्वॉरेंटाइन का समय समाप्त होने के बाद इन्हें बड़े बाड़े में शिफ्ट किया गया था। उसके बाद 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते लाये गये। इन्हें छोड़ने के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव यहां आए थे। कूनो अभ्यारण में कुल चीतो की संख्या 20 हो गई थी लेकिन आज मादा चीता साशा की मौत के बाद संख्या घटकर 19 रह गई है।
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