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रामनवमी के मौके पर बिहार, बंगाल और महाराष्ट्र समेत देश के कई राज्यों और शहरों में हिंसक झड़पें हुई थीं। शायद इसी से सबक लेते हुए तमाम जगहों पर आज हनुमान जयंती के मौके पर सख्ती का माहौल है। पश्चिम बंगाल में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तीन कंपनियों को सुरक्षा में तैनात किया गया है। खासतौर पर हुगली और हावड़ा में स्थिति पर नजर रखी जा रही है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने कल ही ममता बनर्जी सरकार से पूछा था कि आखिर हनुमान जयंती को लेकर क्या तैयारी है। इसके अलावा सलाह दी थी कि यदि व्यवस्था संभालने में समस्या आ रही हो तो केंद्र सरकार से सुरक्षा बलों की मांग कर लो।
इसी के चलते आज कोलकाता, बैरकपुर और हुगली में तीन कंपनियां तैनात हैं। इसके अलावा दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में भी सख्ती बरती जा रही है। यहां बड़े पैमाने पर फोर्स को तैनात किया गया है और सिर्फ 200 मीटर का जुलूस निकालने की परमिशन मिली है। कई इलाकों को तो बंद ही करा दिया गया है ताकि भीड़भाड़ कम रहे और हालात बिगड़ें तो आसानी से संभाला जा सके। इससे पहले रामनवमी के मौके पर भी बड़े पैमाने पर फोर्स की तैनाती की गई थी ताकि बीते साल की तरह दंगे के हालात न बनें।
शोभायात्रा से पहले जहांगीरपुरी में कर्फ्यू जैसे हालात, कुछ इलाके बंद
बंगाल के एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘कोलकाता में एक सेंट्रल फोर्स की एक कंपनी को कई टुकड़ों में बांटा गया है। इन्हें अलग-अलग इलाकों जैसे चारू मार्केट, गार्डन रीच, इकबालपुर, गिरीश पार्क, जोराबागान जैसे इलाकों में तैनात किया गया है।’ रामनवमी के मौके पर बंगाल के हावड़ा, हुगली और उत्तर दिनाजपुर हिंसा हुई थी। इसी पर टिप्पणी करते हुए हाई कोर्ट ने कहा था कि सरकार को पूरी तैयारी रखनी चाहिए थी। इसके अलावा केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया था। हाई कोर्ट के फैसले के बाद होम मिनिस्ट्री ने ट्वीट कर बुधवार को बताया था, ‘केंद्रीय सुरक्षा बलों की बंगाल में तैनाती की गई है, जो राज्य की पुलिस की सहायता करेंगे। ‘
गौरतलब है कि हाई कोर्ट में बंगाल सरकार ने बताया था कि रामनवमी के मौके पर छोटी-बड़ी कुल 1000 शोभायात्राएं निकली थीं। पुलिस को कुल 2000 आवेदन मिले थे, जिनमें से आधे को ही परमिशन दी गई थी। इसके अलावा पुलिस की ओर से एडवाइजरी भी जारी की गई थी। इसके मुताबिक शोभायात्रा में मोटरसाइकिलों के इस्तेमाल और पटाखे जलाने पर रोक का आदेश था। इसके अलावा डीजे बजाने और हथियार लेकर चलने की भी मनाही की गई थी। हालांकि इसके बाद भी कई जगहों पर हालात बिगड़ गए और लगातार कई दिनों तक हिंसा का दौर जारी रहा।
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