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ऑडियो क्लिप सामने आने के बाद गुरुवार शाम को खालिस्तानी कट्टरपंथी अमृतपाल का एक नया वीडियो सामने आया है। इसमें उसने कहा है कि मैं भागा नहीं हूं, बगावत के रास्ते में हूं, जल्दी ही दुनिया के सामने आऊंगा। उसने लोगों से कहा कि वहम में मत रहें कि मैं भगौड़ा हूं और अपने साथियों को छोड़ कर चला गया हूं। मैं आज भी अपने कौम के साथ व अपने साथियों के साथ हूं।
‘यह जत्थेदार के लिए यह इम्तेहान की घड़ी’
वीडियो में अमृतपाल कह रहा है कि वह देश छोड़कर भागने वाला नहीं है। केसों को कटवाने को लेकर उसने कहा कि केस खत्म करवाने की कभी सपने में नहीं सोच सकता। उसने कहा कि जत्थेदार के लिए यह इम्तेहान की घड़ी है। उसने अपने परिवार से भी अपील की है कि अपना घर छोड़कर मत जाना, मेरा साथ दो, सारी संगत साथ दे रही है। उसने कहा कि वाहेगुरु पहले भी रक्षा करता आया है, आगे भी करेगा।
ऑडियो में कहा था, मेरी तबीयत कुछ ठीक नहीं
अमृतपाल ने ऑडियो में कहा था कि आत्मसमर्पण करने की शर्तें झूठी थीं। उसने उन चर्चाओं का भी खंडन किया है जिसमें दावा किया जा रहा था कि उसने ये वीडियो पुलिस के दवाब में आकर बनाया है। वह उसने अपनी मर्जी से बनाया है। ऑडियो में अमृतपाल कह रहा है कि उसके कल जारी वीडियो पर सवाल उठाए जा रहे थे। मुझे कैमरे के सामने वीडियो बनाना नहीं आता। मेरी तबीयत भी ठीक नहीं थी। आत्मसमर्पण करने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता। मैं गिरफ्तारी से नहीं घबराता। उसने कहा कि सारी संगत को यह संदेश पहुंचाया जाए कि वह सही सलामत है। हालांकि उसकी तबीयत ठीक नहीं है क्योंकि वह एक समय खाना खा रहा है।
सिख निकाय पर दबाव बनाते दिखा अमृतपाल
सिख निकाय पर दबाव बनाते हुए उसने कहा, “अगर हम आज भी राजनीति करने जा रहे हैं, वही काम कर रहे हैं, जो हम पहले करते थे, तो भविष्य में जत्थेदार होने का क्या मतलब है।” उसने सिख निकायों से “एकता” का आह्वान करते हुए कहा, “हमें यह समझना चाहिए कि आज पूरे समुदाय के एक साथ आने का समय है।” वीडियो क्लिप में भी उसने यह तर्क देने की कोशिश की थी कि मुद्दा सिर्फ उसकी गिरफ्तारी का नहीं है, बल्कि सिख समुदाय की बड़ी चिंताओं का भी है। इस बीच, पंजाब सरकार ने अकाल तख्त को सूचित किया है कि अमृतपाल सिंह और उसके ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के खिलाफ कार्रवाई के दौरान हिरासत में लिए गए लगभग सभी लोगों को अब रिहा कर दिया गया है।
ऑडियो पर पुलिस का कॉमेंट से इनकार
लगभग दो मिनट की ऑडियो क्लिप की प्रामाणिकता पर पुलिस द्वारा तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई, जिसमें खालिस्तान समर्थक उपदेशक सरकार पर “उत्पीड़न” करने का आरोप लगाता सुनाई देता है। उसने कहा, “लेकिन मैं डरा हुआ नहीं हूं और मुझे जेल जाने या पुलिस हिरासत में यातना दिए जाने का डर नहीं है। उन्हें जो करना है, करने दीजिए।” अमृतपाल ने मीडिया में आई उन खबरों का भी जिक्र किया जिनमें कहा गया था कि उसने अपने आत्मसमर्पण के लिए शर्तें रखी थीं, जिसमें यह भी शामिल था कि उसे प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए। भगोड़े ने कहा कि उसने गिरफ्तारी की पेशकश के बारे में किसी से बात नहीं की है और उसके द्वारा कोई शर्त नहीं रखी गई है।
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