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पाकिस्तान ने मंगलवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) ढांचे के तहत सैन्य चिकित्सा विशेषज्ञों के एक सम्मेलन में भाग नहीं लिया। दरअसल भारत ने पाकिस्तान के उस नक्शे पर आपत्ति जताई थी जिसमें उसने कश्मीर को खुद का हिस्सा बताया। नक्शे में भारत की सीमाओं को गलत तरीके से पेश करने को लेकर आपत्ति जताए जाने के बाद पाकिस्तान ने इस बैठक में भाग नहीं लिया।
मामले से परिचित लोगों ने कहा कि इस मामले को विदेश मंत्रालय सहित भारतीय पक्ष ने उठाया था। पाकिस्तानी अधिकारियों ने एससीओ की पिछली बैठक में भी इसी तरह के नक्शे का इस्तेमाल किया था। जुलाई में होने वाले एससीओ शिखर सम्मेलन से पहले भारत कई आधिकारिक और मंत्रिस्तरीय बैठकें आयोजित कर रहा है।
इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस (IDSA) ने नई दिल्ली के एक होटल में सम्मेलन की मेजबानी की। सूत्रों ने कहा, “मंगलवार के सम्मेलन में, पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने एक गलत मैप का इस्तेमाल किया, जिसमें कश्मीर को पाकिस्तान के हिस्से के रूप में दिखाया गया था। मामला विदेश मंत्रालय के संज्ञान में आने के बाद पाकिस्तानी पक्ष को सही नक्शा दिखाने या सेमिनार से दूर रहने को कहा गया। जिसके बाद पाक प्रतिनिधिमंडल ने दूर रहने का फैसला किया।”
पाकिस्तान उस नक्शे का इस्तेमाल कर रहा था जिसमें भारत के कश्मीर को अपना हिस्सा बताया गया है। सूत्रों ने कहा कि यह एक ऐसा मुद्दा है जिसने हाल के वर्षों में एससीओ की अन्य बैठकों को भी प्रभावित किया है। पाकिस्तान को आधिकारिक स्तर पर “सैन्य चिकित्सा, स्वास्थ्य देखभाल और महामारी में एससीओ सशस्त्र बल योगदान” विषय के साथ थिंक टैंक के सम्मेलन में भाग लेना था। सूत्रों के अनुसार, नक्शे को लेकर भारतीय पक्ष की आपत्ति के बाद, पाकिस्तानी पक्ष ने भाग नहीं लिया। लोगों ने कहा कि मंगलवार के घटनाक्रम से एससीओ ढांचे के तहत अन्य नियोजित बैठकों के प्रभावित होने की उम्मीद नहीं है।
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