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आम आदमी पार्टी (AAP) के सबसे बड़े नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर कोर्ट ने बीते दिनों 25,000 रुपए का जुर्माना लगाया था। दरअसल, सीएम केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री मांगी थी। कोर्ट ने केजरीवाल के इस मांग पर प्रधानमंत्री कार्यालय को कहा कि पीएम मोदी की डिग्री सार्वजनिक करने की कोई जरूरत नहीं है। इसके साथ ही केजरीवाल पर कोर्ट ने फाइन लगा दिया। कोर्ट के फाइन के बाद केजरीवाल भड़क गए। सबसे पहले वो ट्विटर पर अपनी नाराजगी जाहिर किए। इसके बाद केजरीवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा पर जमकर निशाना साधा। केजरीवाल के साथ-साथ AAP के कई नेता पीएम मोदी के डिग्री को लेकर बयान दे रहे हैं। आइए समझते हैं कि AAP के ऐसा करने के पीछे क्या कारण हो सकता है…
पढ़ा-लिखा कैंडिडेट
सीएम केजरीवाल ने पीएम मोदी डिग्री केस को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। केजरीवाल ने कहा, ‘मैंने पीएम मोदी की डिग्री इसलिए मांगी क्योंकि देश को आजाद हुए 75 साल हो गए। देश के लोग तरक्की चाहते हैं। ऐसे में हमारे प्रधानमंत्री का पढ़ा-लिखा होना जरूरी है।’ इसके बाद केजरीवाल ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि ‘उनकी बातों को सुनकर शक होता है कि क्या वो पढ़े लिखे हैं?’ दरअसल, केजरीवाल ने आईआईटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। वह इस बात को कई मंचों पर बोलते भी रहते हैं। AAP भी केजरीवाल का इमेज एक पढ़े-लिखे सीएम के तौर पर पेश करती है। ऐसे में केजरीवाल के इस बयान को लेकर यह माना जा रहा है कि वो खुद को एक पढ़े-लिखे पीएम कैंडिडेट के तौर पर पेश करने की कोशिश कर रहे हैं।
दिल्ली का शिक्षा मॉडल
केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी के कई फैसलों का विरोध करते हुए कहा कि अगर देश का पीएम पढ़ा-लिखा होता तो कभी यह फैसला नहीं लेता। केजरीवाल ने नोटबंदी का जिक्र करते हुए कहा कि ‘देश का पीएम अगर पढ़ा-लिखा नहीं रहेगा तो अधिकारी उससे बहला-फुसलाकर साइन करवा लेंगे।’ ऐसा माना जा रहा है कि यह बयान देकर सीएम केजरीवाल AAP के कई फैसलों को हाईलाइट करने का प्रयास कर रहे हैं। वह अक्सर दिल्ली के स्कूलों, मुफ्त बिजली, आदि का जिक्र कई मंचों से करते रहते हैं। भाजपा ने पीएम मोदी के गुजरात मॉडल को पेश कर उन्हें पीएम फेस बनाया था। ऐसे में AAP भी पूरी कोशिश में जुटी है कि केजरीवाल के दिल्ली के मॉडल के लेकर उन्हें पीएम फेस बनाया जाए।
विपक्ष का प्रमुख चेहरा
AAP के कई नेता यह अक्सर कहते हैं कि पीएम मोदी को अगर कोई हरा सकता है तो वह अरविंद केजरीवाल ही हैं। बीते कुछ महीनों में यह देखा भी गया कि केजरीवाल कई राज्यों के विपक्षी नेताओं से मुलाकात करने पहुंचे। राहुल गांधी की सांसदी छिन जाने के बाद केजरीवाल ने कांग्रेस पार्टी का समर्थन भी किया। ऐसे में पीएम मोदी के डिग्री का मुद्दा उठाकर AAP केजरीवाल को एक प्रमुख विपक्षी चेहरा बनाने का प्रयास कर रही है। AAP के नेता संजय सिंह ने रविवार को कहा, ‘प्रधानमंत्री की डिग्री का मामला सामने आने के बाद से पूरी भाजपा सहमी हुई है। भाजपा के कई मंत्री और प्रवक्ता यह साबित करने में जुट गए हैं कि प्रधानमंत्री की डिग्री फर्जी नहीं है।’
इस साल कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में AAP भी कई राज्यों में चुनावी मैदान में उतर चुकी है। पीएम मोदी के डिग्री का मुद्दा उठाकर केजरीवाल लोगों को दिल्ली के शिक्षा मॉडल के बारे में बताने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। इससे यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि केजरीवाल साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर अपनी तैयारियां तेज कर दिए हैं। AAP सभी विपक्षी दलों के बीच यह संदेश पहुंचाना चाहती है कि केजरीवाल विपक्ष के प्रमुख चेहरा हैं।
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