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असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के द्वारा दोषी पाए जाने के बावजूद माफी नहीं मांगने के लिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी ने अयोग्यता के खिलाफ अध्यादेश को फाड़ दिया था। कर्म ने उन्हें यह सजा दी है, तो हमारी क्या गलती है?” आपको बता दें कि राहुल गांधी की अयोग्यता सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के तहत हुई, जिसे कांग्रेस ने 2013 में एक अध्यादेश के जरिए पलटने की कोशिश की थी। हालांकि, अपील करने के लिए तीन महीने का समय है।
उसी साल पांच महीने बाद केंद्र की तत्कालीन सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार ने आनन-फानन में एक अध्यादेश को आगे बढ़ाया था। इसमें सजायाफ्ता सांसदों और विधायकों को अयोग्य ठहराने वाले नियम को पलटने की मांग की गई थी। इसके बाद राहुल गांधी खुलकर अपनी पार्टी के फैसले के खिलाफ आ गए। उन्होंने इस कदम को पूरी तरह से बकवास बताया।
भाजपा नेता ने राहुल गांधी के उस बयान पर निशाना साधा, जिसके लिए उन्हें सजा हुई है। उन्होंने कहा, “राजनीतिक नेता कभी-कभी कुछ ऐसी बातें कह सकते हैं जो कि किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकती हैं। जब ऐसी चीजें हमारे संज्ञान में आती हैं तो हम तुरंत माफी मांगते हैं। राहुल गांधी ने पांच साल बाद भी माफी नहीं मांगी। कोर्ट के फैसले के बावजूद उन्होंने अब तक माफी नहीं मांगी। ऐसा अहंकार क्यों?”
उन्होंने कहा, “आप कांग्रेस नेताओं से पूछ सकते हैं जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। क्या वे इससे खुश हैं? यह एक व्यक्ति के अहंकार और एक समुदाय के गौरव की बात है। यदि कोई न्यायपालिका के आदेश से संतुष्ट नहीं है, तो वह सजा के आदेश को चुनौती दे सकता है।”
यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल गांधी का राजनीतिक करियर खत्म हो गया, असम के सीएम ने कहा, “वह विपक्ष के नेता हैं। वह कांग्रेस की बैठकों और रैलियों में भाग लेने के लिए जा सकते हैं। वह ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं। उन्हें एक विशेष समुदाय के खिलाफ इस तरह की आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं करनी चाहिए थी।”
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