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केरल की वायनाड लोकसभा सीट से सांसद राहुल गांधी को कल सूरत की सत्र अदालत ने मानहानि केस में दो साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद आज उन्हें एक और बड़ा झटका लग सकता है। जनप्रतिनिधित्व कानून के सेक्शन 8 के मुताबिक किसी सांसद अथवा विधायक को दो साल या उससे ज्यादा की सजा होने पर सदस्यता चली जाती है। अब राहुल गांधी पर भी इस कानून की तलवार लटकी है और लोकसभा सचिवालय की ओर से इस बारे में आज कोई फैसला हो सकता है। राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रचार के दौरान मोदी सरनेम को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
नसीहत के बाद भी नहीं बदले, कोर्ट ने बताया क्यों राहुल को दी सख्त सजा
लोकसभा के एक अधिकारी ने हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया, ‘राहुल गांधी की सदस्यता पर फैसले के लिए बैकग्राउंड वर्क शुरू हो चुका है। फाइल तैयार करने और उस पर लोकसभा के टेबल ऑफिस की सलाह लेने में 10 मिनट का ही वक्त लगेगा। इसमें वही प्रक्रिया अपनाई जाएगी, जो लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल को लेकर की गई थी।’ यदि आज ही इस बारे में फैसला होता है तो फिर लोकसभा के स्पीकर शुक्रवार को ही इसका सदन में ऐलान कर सकते हैं।
राहुल गांधी की कैसे बच सकती है सदस्यता, यही है रास्ता
राहुल गांधी को यदि अपनी लोकसभा की मेंबरशिप बचानी है तो उन्हें उच्च अदालत में जाना होगा और सजा के खिलाफ अपील करनी होगी। यदि उनकी सजा कम होती है या फिर उसे रोक दिया जाता है तो फिर उनकी सदस्यता बची रह सकेगी। पार्टी के नेता और लीगल एक्सपर्ट अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इसी सप्ताह के आखिर में हम सेशन कोर्ट में अपील दायर करेंगे।
राहुल गांधी को 30 दिन के लिए मिला है अपील का मौका
राहुल गांधी को आईपीसी के सेक्शन 499 और 500 के तहत दोषी करार दिया गया है। उन्हें गुरुवार को दो साल की सजा दी गई और फिर जमानत पर रिहा कर दिया गया। फिलहाल अदालत ने राहुल गांधी को अपील के लिए 30 दिन का मौका दिया है और तब तक के लिए सजा को निलंबित कर दिया गया है।
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