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समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में इन दिनों बहस चल रही है। एससी ने बुधवार को केंद्र सरकार की उस दलील को खारिज कर दी, जिसमें समलैंगिक शादी को शहरी रईसों का कॉन्सेप्ट बताया गया है। अदालत ने कहा कि दलील के समर्थन में केंद्र सरकार के पास कोई आंकड़ा नहीं है। राज्य (कोई सरकार) किसी व्यक्ति के साथ उस विशेषता के आधार पर भेदभाव नहीं कर सकता है, जिस पर व्यक्ति का नियंत्रण नहीं है। पीठ की ओर से चीफ जस्टिस ने कहा, ‘जो कुछ जन्मजात है, उसमें वर्ग पूर्वाग्रह नहीं हो सकता है। इसकी अभव्यिक्तियों में यह अधिक शहरी हो सकता है क्योंकि शहरी क्षेत्रों में अधिक लोग खुलकर सामने आ रहे हैं।’
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश सीनियर वकील अभिषेक एम सिंघवी ने बेंच के समक्ष कहा कि यही इसका सार है। सिंघवी ने कहा कि किसी व्यक्ति का यौन रुझान आंतरिक होता है, यह व्यक्तित्व और पहचान से जुड़ा होता है। एक वर्गीकरण, जो व्यक्तियों को उनकी सहज प्रकृति के आधार पर भेदभाव करता है, उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होगा। यह परीक्षण संवैधानिक नैतिकता का सामना नहीं कर सकता है। याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वकील मुकुल रोहतगी ने कोर्ट में अपनी बात रखते हुए कई बार LGBTQ+ शब्द का इस्तेमाल किया। चलिए जानते हैं कि इस शब्द का क्या मतलब होता है…
L से Lesbian (लेस्बियन)
जब कोई महिला किसी दूसरी महिला के संग शारीरिक, रोमांटिक और भावुकता वाले रिश्ते में रहती है या फिर आकर्षित होती है तो उसे लेस्बियन कहा जाता है।
G से Gay (गे)
गे आमतौर पर एक पुरुष की दूसरे पुरुष से शारीरिक और रोमांटिक आकर्षण को दर्शाता है। लेस्बियन शब्द का इस्तेमाल महिलाओं और गे शब्द का पुरुषों की खातिर होता है।
B से Bisexual (बाइसेक्सुअल)
जब किसी व्यक्ति को किसी पुरुष और महिला दोनों के प्रति शारीरिक और रोमांटिक आकर्षण हो तो उसे बाइसेक्सुअल की कैटेगरी में रखते हैं। हालांकि, बाइसेक्सुअल लोगों के लिए इस कैटगरी का कहे जाने के लिए सेक्स का अनुभव जरूरी नहीं होता।
T से Transgender (ट्रांसजेंडर)
इस कैटेगरी में ऐसे लोगों को रखा जाता है जिनका लिंग जन्म के समय तय लिंग से मेल नहीं खाता है। हॉर्मोन की समस्या या फिर किसी अन्य वजह से ऐसे लोगों में दोनों लिंगों के गुण पाए जाते हैं।
Q से Queer
इस अक्षर का इस्तेमाल ऐसे लोगों के लिए होता है जिनका सेक्सुअल रवैया सामान्य नहीं है। हालांकि, LGBTQ समुदाय में भी Q को पूरी दुनिया में स्वीकार नहीं किया जाता है।
I से Intersex (इंटरसेक्स)
यह एक तरह की शारीरिक स्थिति है। व्यक्ति इसके साथ ही पैदा होता है। जन्म के साथ व्यक्ति के शरीर में एक या अधिक सेक्स से संबंधित विशेषताएं मौजूद रहती है। इसमें लिंग, आंतरिक प्रजनन अंग आदि हो सकते हैं।
A से Asexual
इस कैटेगरी में ऐसे लोगों को रखा जाता है जो किसी तरह के सेक्सुअल आकर्षण को महसूस नहीं करते हैं। इसमें नॉन-रोमांटिक लोग भी हो सकते हैं। बता दें कि इसके आगे + लिखने का मतलब ऐसे सभी लैंगिक पहचान से है, जिसे इसमें शामिल कर सकते हैं।
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