शहर में हर तरफ गंदगी के नजारे
इन दिनों शहर की सफाई व्यवस्स्था पूरी तरह ठप है। गलियों में फिर से पुराने जैसे हालात हैं और कचरे के ढेर नजर आ रहे हैं। सड़कों के किनारों पर भी कचरा नजर आ रहा है। लोगों में स्वच्छता की आदत तो डाली गई पर उसे लगातार बनाए रखने में खुद नगर परिषद ही फेल साबित हो रहा है।
डोर टू डोर व्यवस्स्था को लगी जंग
डोर टू डोर व्यवस्स्था के जरिए शहर के हर हिस्से से कचरा उठाया जाना था पर यह व्यवसथा भी कुछ ही वार्डों तक सीमित होकर रह गई है। गलियों में जिस प्रकार गाना बजता था और लोग उत्साह से अपने घर का कचरा फेंकने निकलते थे अब जब गाड़ी ही नहीं पहुंचेगी तो लोग करेंगे क्या इसलिए लोगों ने फिर से सड़क किनारे या अगल-बगल में कचरा फेंकना शुरू कर दिया है।
क्या यही कारण है कि स्वच्छता में फिसड्डी रहे हम
नगर परिषद की इसी लापरवाही और चलताऊ रवैये के कारण शहर स्वच्छता सर्वे में फिसड्डी साबित हुआ है। यदि कोई व्यवस्स्था लागू होती है तो उसे हमेशा के लिए माना जाता है, जबकि यहां की यह सोच है कि कुछ दिनों में सब पुराने जैसा हो जाएगा। यही कारण है कि शहर इन दिनों गंदगी के ढेर पर बैठा है। देसाईगंज शहर मे गांधी वॉर्ड,और विर्षी वॉर्ड मे घंटागाडी हफ्ते दस दिन मे एक ही बार आ रही है जीस वजह से यहा के नागरिक बहोत परेशान है।नगर परिषद के सफाई कर्मचारीयो से जब पुशा गया की घंटा गाडी क्यो नही आ रही तो तो सफाई कर्मचारीयो का कहना है की नगर परिषद की कुश गाडीया काफी दिनो से खराब पडी है।ठेकेदार को बार बार कहने पर भी गाडी दुरुस्त नही कर दे रहे इस मे हम लोग क्या कर सकते है,हमे तो ठेकेदार समय पर पैसे तक नही देता पगार होणे के 20 दिन बाद तक हमे पगार नही मिलती है।सफाई कर्मचारी तक परेशान है।गांधी वॉर्ड के नागरिको ने सामाजिक कार्यकर्ता मिलिंद भाऊ सपाटे से संपर्क किया मिलिंद भाऊ ने कहा ठेकेदार इस गंभीर विषय के तरफ ध्यान दे वरना इस की शिकायचा हम संबधीत अधिकारयो से करेंगे।वही विर्षी वॉर्ड के नागरिको ने श्रीचंद डेंगानी और नरेश बावणे जी से इस समस्या के बारे मे बताया श्रीचंद डेंगानी और नरेश बावणे ने देसाईगंज संघर्ष न्यूज से संपर्क किया।नागरिको इंतजार है कब तक आयेगी घंटागाडी..
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