✍️देसाईगंज:देसाईगज से स्वस्थ धान्य दुकानदार दिली आंदोलण के लिये रवाना हुए है, रामलीला मैदानपर मोर्चे में शामिल देसाईगंज से सेकड़ो दुकानदार इस आंदोलन मे शामिल हो रहे है,राशन दुकानदारों के समर्थन मे आम आदमी पार्टि देसाईगंज ने अपना समर्थन दिया है,राशन दुकानदारों से आम आदमी पार्टि के कार्यकर्ताओ ने देसाईगंज के विश्रामगृह के पास मुलाकात कर समस्याओं पर चर्चा की, पार्टि के सलाहगार दीपक नागदेवे ,तालुका अध्यक्ष भरत दयलानी, वामन पगारे, टिकेश कामडी, तबरेज खान, अतुल ठाकरे, शेखर बारापात्रे, सौरभ साखरे आदी उपस्थित थे।
केन्द्र सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली में क्रांतिकारी निर्णय लेते हुए जिले के राशनकार्ड धारकों को पूरे साल भर फ्री में अनाज वितरण का निर्णय लिया है. परंतु इस अनाज को लोगों में वितरण करनेवाले राशन दुकानदारों की उपजीविका को ही सरकार भूल गई. इस जनसेवा के लिए राशनदुकानदारों को सरकार की ओर से क्या मिलेगा इसकी कुछ भी घोषणा नही की गई है,इसलिये राशन दुकानदारों ने हडताल करने का निर्णय लिया है.

सरकार के नये आदेश के तहत राष्ट्रीय अन्न सुरक्षा अंतर्गत प्रति व्यक्ति 5 किलो राशन और अंत्योदय अन्न योजना के लाभार्थियों को प्रति राशनकार्ड 35 किलो अनाज फ्री में देने की योजना है यह योजना पूरे साल भर चलेगी.
अब तक राशन दुकानों से अंत्योदय और प्राधान्य परिवार योजना के राशन कार्ड धारकों को दो से तीन रूपये किलो के हिसाब से राशन दिया जाता था. अर्थात प्रतिकार्ड 120 से 150 रूपये में 35 किलो तक अनाज मिलता था. कोरोना संकट काल में सरकार ने पैसों से दिए जानेवाले अनाज के साथ फ्री में भी अनाज बांटने का निर्णय लिया और लगातार तीन वर्षों से राशनकार्ड धारकों को पैसों से खरीदा जानेवाला अनाज और सरकार द्वारा निर्धारित फ्री का अनाज दिया जा रहा था. परंतु अब सरकार ने राशनकार्ड धारकों से राशन का पैसा लेने के बजाय उन्हें फ्री में अनाज देने का निर्णय लिया है. इससे जिले के लाखों राशनकार्ड धारक लाभान्वित होगे. आम जनता तो खुश है परंतु राशनदुकानदारों के समक्ष प्रश्न निर्माण हो गया है कि उन्हें इस जनसेवा के बदले में क्या मिलेगा.
वास्तव में देखा जाए तो सरकार ने जिस तरह से राशनकार्ड धारकों का ध्यान रखकर इतना जनहितैषी निर्णय लिया है उसी तरह से राशन दुकानदारों का भी ध्यान रखना चाहिए था. पिछले तीन वर्षों से फ्री का अनाज बांटने के बाद भी राशन दुकानदारों को एक रूपये मानधन नहीं मिला. जो पैसों का अनाज राशन दुकानदार बांटते थे उसमें जो कमीशन दिया जाता था वह कमीशन में भी महीनों गिनती नहीं मिला है.
कोरोना काल में जहां एक ओर लोगों ने एक दूसरे से दुरिया बना ली थी उस समय राशन दुकानदारों ने राशन दुकानें शुरू रखकर लोगों को भूखमरी से बचाया. इस दौरान राज्य भर में कई राशन दुकानदार कोरोना के चपेट में आये और उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ी. इसके बावजूद सरकार ने इन कोरोनावीरों की अन्य कोरोना वीरों की तरह सुध नहीं ली.
निरंतर उपेक्षा के बाद भी राशन दुकानदार अपनी सेवा देते आ रहे है. परंतु अब फ्री अनाज वितरण में राशन दुकानदारों को क्या मिलेगा इसका स्प्ष्टीकरण नहीं होने से राशन दुकानदारों ने हडताल का निर्णय लिया है. अखिल महाराष्ट्र राज्य स्वस्त धान्य दुकानदार महासंघ ने राशन बंद आंदोलन का निर्णय लिया है. वहीं देश भर के राशन वितरक आगामी 22 मार्च को संसद पर मोर्चा निकालेगे.
राशन दुकानदारों की प्रमुख मांगों में फ्री अनाज वितरण का कोरोना काल से कमीशन दिया जाए, एपीएल के गेंहू, चावल शुरू किया जाए, दाल, तेल, शक्कर का वितरण शुरू करें, पॉश मशीन नई दी जाए, गत 5 वर्षों से 2 जी मशीन मशीन से वितरण शुरू है जबकि इस समय 5 जी का जमानाह है. इसके कारण ऑनलाईन पंजीयन करते समय बारंबार सर्वर डॉन होने से दुकानदारों और ग्राहकों को परेशानी उठानी पडती है. ग्राहक दुकानदारों पर ही रोष जताते है. इसलिए पॉश मशीनों में बदलाव किया जाए आदि मांगों का समावेश है.