# swatntraainani# नारायण सिंह उईके का जन्म 11 जुलाई 1917 को विदर्भ के गोंदिया जिल्हे के कटंगी नगरा गाव मे हुआ था उनके माता का नाम सीताबाई और पिता का नाम संपत सिंह उईके था संपत सिह उईके प्राथमिक शिक्षक थे। अपनी सेवा के दौरान उन्होने कोयतुरो के उत्थान के लिये अपना जीवन समर्पित कर दिया।नारायण सिंह उईके वास्तव मे अपने पिता के सामाजिक कार्यो से प्रेरित थे।नारायण सिंह उइके ने 1925 के बीच गोंदिया के एक स्कूल में अपनी प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की और बादमे मनोहर हाय स्कूल मे अपनी शिक्षा पूरी की,1935 में उन्होंने दसवी कक्षा उतीर्ण की।आगे की शिक्षा के लिये नागपुर विश्वविद्यालय से बी. ए किया।सन 1952 के विधानसभा के चुनाव मे निर्दलीय विधायक के रूप मे पुराडा हेटी कुरखेडा से चुने गए।सामाजिक कार्य करते हुए नारायण सिंह ने विदर्भ के जबरान ज्योति आंदोलन को चलाकर हजारो गरीब लोगों को खेत जमीन पट्टे दिलाकर मालिकाना अधीकार दिलाए थे, इतना ही नही तो निस्तार अधिकार कोयतुर क्षेत्र बंधन हटाओ मुहिम,व्यापारीओ के प्रश्नके लिए संघर्ष किया।1969 में वे फिरसे विधान सभा के सदस्य बने, सत्याग्रह 1963 और 1964- 65 में गडचिरोली तहसील कार्यालय के सामने 14 दिन का उपवास और जेल हो गई।बस्तर के राजा प्रविनचंद्र भजदेव की हत्या के विरोध में नागपुर मे दस हजार कोयतुरो ने मार्च निकाला था।उन्होंने अपनी अंतिम सांस तक दिन -कमजोर आदिवासीयो के उत्थान के लिए काम किया और 26 जुलाई 1972 को आदिवासी रोने की किरण बुझ गई।नारायण सिंह ने अपना पूरा जीवन कोयतुर समुदाय की और जल जंगल भूमि संरक्षण अधिकारों के लिए लड़ते रहे खुद का संपूर्ण जीवन और कमाई समाज के लिए न्यौछावर कर दिया।महान स्वतन्त्रसैनानी स्व.नारायण सिह उइके उच्च शिक्षित,सुजान, निर्भिड,असामान्य नेता,भूमिहीन आदिवासीयो को जमीन दिलाने के लिये आंदोलन, मोर्चा निकाल कर समाज जागृत कर संघर्ष मई जीवन जगने वाले नेता थे, ऐसे महान नेता का देसाईगंज शहर के तुकुम वार्ड के तालाब के पास भव्य मूर्ति बनाने की मांग आम आदमी पार्टी के बारकृष्ण रघुनाथ भंडारकर, भरत दयलानी, दीपक नागदेवे,प्रकाश शर्मा, राहुल बावने ,अशोक बोरकर ने की है,
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देसाईगंज तुकुम वार्ड तालाब